क्या मिला है देश को इस संविधान से ...
मंगलवार, 26 नवम्बर 2013 (Digamber Naswa Dubai, UAE से)
इसलिए की गिर न पड़ें आसमान से
घर में छुप गए हैं परिंदे उड़ान से
क्या हुआ जो भूख सताती है रात भर
लोकतंत्र तो है खड़ा इत्मिनान से
चंद लोग फिर से बने आज रहनुमा
क्या मिला है देश को इस संविधान से
जीत हार क्या है किसी को नहीं पता
सब गुज़र रहे हैं मगर इम्तिहान से
है नसीब आज तो देरी न फिर करो
चैन तो खरीद लो तुम इस दुकान से
झूठ बोलते में सभी डर गए मगर
सच नहीं निकलता किसी की जुबान से
गुनहगार को लगे या बेगुनाह को
घर में छुप गए हैं परिंदे उड़ान से
क्या हुआ जो भूख सताती है रात भर
लोकतंत्र तो है खड़ा इत्मिनान से
चंद लोग फिर से बने आज रहनुमा
क्या मिला है देश को इस संविधान से
जीत हार क्या है किसी को नहीं पता
सब गुज़र रहे हैं मगर इम्तिहान से
है नसीब आज तो देरी न फिर करो
चैन तो खरीद लो तुम इस दुकान से
झूठ बोलते में सभी डर गए मगर
सच नहीं निकलता किसी की जुबान से
गुनहगार को लगे या बेगुनाह को
तीर तो निकल ही गया है कमान से
यह है, दुबई से मित्र दिगंबर नासवा की प्रस्तुति,
आज के लोकतंत्र व मीडिया का सत्य -
तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||" युगदर्पण
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