कवियों, लेखकों का शुभ्रमंच:-विश्व को नौ रस समझा कर, प्रत्येक में मूर्धन्य महाकवियों से समृद्ध भारत में दिनकर के बाद, भांड और भाट, पूछे और पूजे जाने लगे, तब और दिनकर कहाँ से पैदा होंगे? समुन्द्र से गहरा, वासनामुक्त हो-साहित्य.तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र
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- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार,
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होली है.....! उल्लास का पर्व है, हुडदंग नहीं, उल्लास और शालीनता से मनाएं; अखिल विश्व में विराजे हिन्दुओं को युगदर्पण परिवार की ओर से, सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें !!
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